रूढ़िवादी प्रकृति के हैं। ये बुद्ध के मौलिक सिद्धान्त पर विश्वास करते है। हीनयान एक व्यक्तिवादी धर्म था, इनका मानना है कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने प्रयत्नों से ही मोक्ष प्राप्ति का प्रयास करना चाहिए। ये बुद्ध को मार्गदर्शक या आचार्य मानते हैं भगवान नहीं। ये मूर्तिपूजा एवं भक्ति में विश्वास नहीं करते है।