पंच परमेष्ठी के गुणों का वर्णन
पंच परमेष्ठी के कितने गुण हैं वह कौन-कौन हैं ?
पंच परमेष्ठी के १४३ गुण होते हैं। अर्हन्तादि परमेष्ठियों के क्रम से ४६ गुण-८ गुण- ३६गुण २५ गुण और २८ गुण होते हैं ।
अर्हन्तपरमेष्ठी के ४६ गुण कौन-कौन से होते हैं ?
चौतीस अतिशय-आठ प्रातिहार्य व चार अनन्त चतुष्टय इस प्रकार अरिहन्त परमेष्ठी के ४६ गुण होते हैं।
सिद्ध परमेष्ठी के आठ गुण कौन-कौन से होते हैं ?
१. सम्यक्त्व २. क्षायिक दर्शन ३. क्षायिक ज्ञान ४. अगुरू लघुत्व ५. अवगाहनत्व ६. सूक्ष्मत्व ७. अनन्त वीर्य ८. अव्याबाधत्व ।
आचार्य परमेष्ठी के छत्तीस गुण कौन-कौन से होते हैं ?
बारह तप दस धर्म पाँच पंचाचार -छह आवश्यक प्रय गुप्ति इस प्रकार ये छत्तीस गुण होते हैं।
उपाध्याय परमेष्ठी के पच्चीस गुण कौन-कौन से होते हैं ?
ग्यारह अंग और चौदह पूर्व ये पच्चीस गुण होते हैं।
साधु परमेष्ठी के अट्ठाईस गुण कौन-कौन से होते हैं?
पाँच महाव्रत पाँच समिति पाँच इन्द्रियविजय छह आवश्यक और सात शेष गुण इस प्रकार ये अट्ठाईस मूलगुण होते हैं।
उक्त गुणों के मूलभेद कितने होते हैं ?
गुणों के मूल भेद दो कहे गये हैं। २. उत्तरगुण उत्तर १. मूलगुण और
मूलगुणों के कितने भेद होते हैं ?
उपर्युक्त पंच परमेष्ठीयों के कहे गये १४३ गुण-मूलगुण कहलाते हैं।
पंच परमेष्ठी के १४३ गुणों में किन-किन परमेष्ठी के कितने गुण होते हैं ?
पंच परमेष्ठी के १४३ गुणों में से अरिहंत के ४६ सिद्धों के ८ आचार्यों के ३६, उपाध्यायों के २५, और साधुओं के २८ गुण होते हैं।
उत्तर गुणों के भी भेद होते हैं क्या ?
उत्तर गुणों के भी भिन्न से संख्यातादि-भेद होते हैं ।
साधु परमेष्ठी के भी उत्तर गुण होते हैं क्या व कितने ?
साधु परमेष्ठी के चौरासी लाख उत्तर गुण कहे गये हैं।
साधु के चौरासी लाख उत्तर गुण कौन-कौन से होते हैं ?
साधुओं के चौरासी लाख उत्तर गुण २१ हिंसादिक प्रवृति का निग्रह (५ पाप-४ कषाय १ भय -१रति १अरति १ जुगुप्सा, ३ योगों की चंचलता १. मिथ्यात्व १ पैशून्यता १ अज्ञान ९प्रमाद -१ इन्द्रियों की विषयासक्ति) ४-अतिक्रमणादि। १०- पृथ्वी कायकादि (१ पृथ्वी २ जल-३ अग्नि ४ वनस्पति ६ प्रत्येक वनस्पति -७ द्विइन्द्रिय वायु-५ साधारण वनस्पति -६ प्रत्येक वनस्पति ८ त्रिइन्द्रिय ९ चुतुरिन्द्रिया १० पंचेन्द्रिया।
१० - इनकी विराधना न करना १० - ब्रह्मचर्य के घातक । १० - प्रायश्चित के भेद ।
१० - आलोचना के भेद । इनको परस्पर में गुणा करने पर ८४ लाख उत्तर गुण बनते हैं । (२१ X४ X १० X १० X १०
X १० X १० = ८४,०००)