
https://www.indiaprexam.com/2023/04/tattvartha-sutra.html
प्रेम भाव हो सब जीवों से , गुणीजनों में हर्ष प्रभो। करुणा स्रोत बहे दुखियों पर , दुर्जन में मध्यस्थ विभो॥ 1 ॥…
प्रतिक्रमण कर्म काल अनंत भ्रम्यो जग मैं सहियें दुःख भारी | जन्म मरण नित किये पाप को हैव अधिकारी || कोटि भवान्तर माहिं…
येनात्माऽबुध्यतात्मैव परत्वेनैव चापरम्। अक्षयानन्तबोधाय तस्मै सिद्धात्मने नम:॥ १॥ जयन्ति यस्यावदतोऽपि भारती विभूतयस…